पौराणिक मान्यता के अनुसार, कहा जाता है कि, लंकापति रावण की बहन शूर्पणखा ने अपने भाई को भद्राकाल में ही राखी बांधी थी, जिस कारण ही रावण का सर्वनाश हो गया.
इसी मान्यता के आधार पर भद्राकाल में राखी नहीं बांधनी चाहिए. भद्राकाल में राखी बांधने से भाई की उम्र कम होती है और भाई पर विपदा आती है.
इस साल रक्षाबंधन के दिन भद्राकाल रहने के कारण लोगों के मन में कंफ्यूजन है कि, आखिर राखी कब और किस समय में बांधना शुभ रहेगा. क्योंकि 30 अगस्त को सुबह से लेकर रात तक भद्रा का साया रहने वाला है.
ज्योतिषी डॉ नेहा शिवगोत्रा जी ने कहा की ज्योतिष और पंचांग के अनुसार, श्रावणी या सावन पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 30 अगस्त सुबह 10:58 मिनट से हो रही है और इसका समापन 31 अगस्त को सुबह 07:05 मिनट पर होगा.
वहीं 30 अगस्त को पूर्णिमा तिथि के साथ ही सुबह 10:58 मिनट से भद्रा काल की भी शुरूआत हो रही है जोकि, रात 09:02 तक रहेगा.
इसलिए आप 30 अगस्त को भद्राकाल समाप्त होने के बाद रात 09:03 मिनट से 31 अगस्त सुबह 7:05 मिनट तक राखी बांध सकते हैं.
लेखक ज्योतिषी डॉ. नेहा शिवगोत्रा
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